संसद::::सरकार एससी/एसटी प्रमाणपत्र की पुष्टि का दिशानिर्देश छह महीने के भीतर जारी करे : समिति
संसद::::सरकार एससी/एसटी प्रमाणपत्र की पुष्टि का दिशानिर्देश छह महीने के भीतर जारी करे : समिति
नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि सरकार को एससी/एसटी प्रमाणपत्र की पुष्टि करने का दिशा-निर्देश कर्मचारी के सेवा में शामिल होने के छह महीने के भीतर जारी करना चाहिए। लोकसभा में पेश अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कल्याण संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
समिति ने कहा कि कार्मिक विभाग को राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर समयबद्ध तरीके से जाति प्रमाणपत्र की पुष्टि करनी चाहिए, ताकि इसे एससी/एसटी वर्ग के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय परेशान करने के हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सके।
संसदीय समिति ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) निदेशक मंडल में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से एक भी सदस्य नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। समिति की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि इन समुदायों के हितों की पर्याप्त रक्षा के लिए उनका प्रतिनिधित्व अवश्य होना चाहिए। समिति ने सिफारिश की है कि इस विषय को उच्चतर स्तर पर उठाया जा सकता है, ताकि इन समुदायों का प्रतिनिधित्व निदेशक मंडल में सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किया जा सके।
केंद्र सरकार ने कहा कि सुरक्षा संबंधी खर्च योजना के तहत आने वाले नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या जुलाई 2021 में 126 से घटकर 70 हो गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में लोकसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ऐसे सबसे अधिक 16 जिले झारखंड में हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 14, बिहार एवं ओडिशा में 10-10, तेलंगाना में छह, आंध्र प्रदेश में पांच, केरल और मध्य प्रदेश में तीन-तीन ऐसे जिले हैं। महाराष्ट्र में ऐसे जिलों की संख्या दो और बंगाल में एक है। राय ने कहा कि पुलिस और विधि व्यवस्था राज्य का विषय है। लेकिन केंद्र सरकार नक्सलवाद प्रभावित राज्यों के प्रयासों में मदद करती है।